क्या भारत-चीन युद्ध होने के आसार हैं?

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भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने ब्रिक्स देशों से आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई समेत क्षेत्रीय और वैश्विक महत्व के मुद्दों पर नेतृत्व दिखाने का आह्ववान किया| डोभाल ने ये बात ब्रिक्स देशों के महत्वपूर्ण मंच से कही जहाँ इन देशों के सुरक्षा सलाहकार एक मीटिंग के लिए चीन में हैं|

डोभाल ने ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की बैठक में जहाँ शांति के साथ मतभेद सुलझाने की बात कही वहीं उन्होने डोकलाम गतिरोध का कोई ज़िक्र नहीं किया जिसने पूरे विश्व की नींद उड़ा रखी है|

भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल के खिलाफ भी चीन में काफ़ी कड़े और निंदनीय शब्दों में ग्लोबल टाइम्स ने एक संपादकीय में उन्हें डोकलाम समस्या का मुख्य साज़िश करने वाला का खिताब भी दे डाला|

चीन की तरफ से लगातार इस तरह के उग्र भाषणों के ऊपर भी भारत की प्रतिक्रिया काफ़ी ठंडी रही है और सरकार चीन के उकसाने वालों बयानों पर गौर तो कर रही है, पर प्रतिक्रिया नहीं दे रही है|

पर कल एक प्रतिक्रिया आई| ये प्रतिक्रिया आई भाजपा के नेता सुब्रमनियन स्वामी से जिन्होने बिना लाग लपेट के कहा की अगर दोनो देशों के मतभेद नहीं सुलझते तो सितंबर या अक्तूबर में दोनो देशों के बीच सैन्य कार्यवाही की समस्या हो सकती है|

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ये अभी तक का सबसे साफ बयान है जिससे भारत की शासक पार्टी के विचारों का पता काफ़ी हद तक चल जाता है|

एक अच्छी बात ये है की वैश्विक स्तर पर भारत ने चीन की घेराबंदी कर दी है और 1962 की तरह ही इस युद्ध का ठीकरा भी चीन के सिर पर ही फूटेगा, ये भी तय ही है|

पर तब भी, ये अत्यंत महत्वपूर्ण है की सरकार सैनिकों की ज़रूरतों का ख़ास ख्याल रखे ताकि वो किसी भी अनिश्चित स्तिथि में लोहा लेने में सक्षम हों|

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