इजरायल के इस कदम से मुस्लिम देश होंगे और ख़फा|

इजरायल भी भारत की तरह एक डेमॉक्रेटिक देश है पर इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के इस कदम की वहाँ के एक थिंक टैंक, इजरायल डिमॉक्रेसी इंस्टीट्यूट, ने ये कह कर आलोचना की है की उनका ताज़ा कदम मुस्लिमों और यहूदियों के बीच खाई और बढ़ाएगा|

इजरायल की परेशानी है लौडस्पीकर से उठता शोर!

दरअसल इस देश में भोंपूआें की आवाज़ को सीमित करने के लिए एक बिल को अपनी मंजूरी मिल गई है और इजरायली मीडिया के अनुसार, इस बिल के पास होने के बाद मस्जिदों में लौडस्पीकर से अज़ान करने पर रोक लग जाएगी।

रविवार को इजरएल के प्रधानमंत्री, बेंजामिन नेतन्याहू ने अपनी कैबिनेट बैठक में बिल के ड्राफ्ट पर चर्चा की और ये टिप्पणी भी कि, वह इस बिल का समर्थन करेंगे। उन्होने साथ ही साथ कहा की:

‘मुझे याद नहीं कितनी बार, किंतु इजरायली नागरिकों ने  बार- बार प्रार्थनास्थलों में होनेवाले शोर-शराबे से परेशानी की शिकायत मुझसे की है !’

इस ड्राफ्ट बिल में सभी पूजास्थलों का जिक्र किया गया है पर इसका मकसद मस्जिदों की अज़ान में भोपुओं के इस्तेमाल को रोकने का बताया जा रहा है जबकि सरकार ने इस पर कुछ ख़ास नहीं कहा है। अरब देशों में किसी भी और धर्म के लिए भोपु का इस्तेमाल वर्जित है और यहाँ तक की यहूदी तो वहाँ जा भी नहीं सकते|

इजरायल की जनसंख्या में 17.5 प्रतिशत अरब लोग है और इनमें भी अधिकांश मुसलमान हैं।

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